श्री सम्मेदशिखर वंदना – स्तोत्र!
श्री सम्मेदशिखर वंदना गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी (अनुष्टुप् छंद) सिद्धान् सर्वान् नमस्कृत्य, सिद्धस्थानं जिनेशिनाम्। पूज्यं सम्मेदशैलेन्द्रं, भक्त्या संस्तौमि सिद्धये।।१।। विंशतितीर्थकर्तार:, कूटेषु विंशतौ शिवम्। असंख्ययोगिनश्चापि, जग्मु: सर्वान्नमाम्यहम्।।२।। सिद्धों को कर नमस्कार, सम्मेदगिरीन्द्र स्तवन करूँ। सिद्धिभूमि के वंदन से कटु, कर्मकाष्ठ को दहन करूँ।। बीस कूट पर बीस जिनेश्वर, और असंख्य महामुनिगण। शुक्लध्यान से…