30. अक्षय तृतीया पर्व
”अक्षय तृतीया पर्व” ऋषभदेव की आहारचर्या जब जगद्गुरु भगवान ऋषभदेव को योग धारण किये हुए छह मास पूर्ण हो गये, तब यतियों की चर्या अर्थात् शरीर की स्थिति के अर्थ आहार लेने की विधि बतलाने के उद्देश्य से निर्दोष आहार ढूंढने के लिए वे (भगवान) विचार करने लगे कि बड़े दु:ख की बात है कि…