सूर्य स्नान करिये, निरोग रहिये जिस प्रकार शारीरिक सौंदर्य के लिए प्रत्येक अंग का पुष्ट व सुगठित होना आवश्यक है उसी प्रकार जीवन के लिए जल,वायु, भोजन इत्यादि आवश्यक तत्वों के साथ सूर्य स्नान लेना भी महत्वपूर्ण है। अक्सर लम्बे घूंघट व बंद घरों में रहने वाली पर्दानशीन औरतों की जिंदगी का अधिकतर भाग बीमारियों…
श्री रामचन्द्रजी ने कुंथलगिरि पर अनेक जिनमंदिर बनवाये तत्र वंशगिरौ राजन् रामेण जगदिन्दुना। निर्मापितानि चैत्यानि जिनेशानां सहस्रशः।।२७।। महावष्टम्भसुस्तम्भा युक्तविस्तारतुङ्गताः। गवाक्षहम्र्यवलभीप्रभृत्याकारशोभिताः।।२८।। सतोरणमहाद्वाराः सशालाः परिखान्विताः। सितचारुपताकाढ्या बृहद्घण्टारवाचिताः।।२९।। मृदङ्गवंशमुरजसंगीतोत्तमनिस्वनाः। झर्झरैरानवै शङ्खभेरीभिश्च महारवाः।।३०।। सततारब्धनिःशेषरम्यवस्तुमहोत्सवाः। विरेजुस्तत्र रामीया जिनप्रासादपङ्क्तयः।।३१।। रेजिरे प्रतिमास्तत्र सर्वलोकनमस्कृताः। पञ्चवर्णा जिनेन्द्राणां सर्वलक्षणभूषिताः।।३२।। उपजातिवृत्तम् एषऽपि तुङ्गः परमो महीध्रः श्रीमन्नितम्बो बहुधानुसानुः। विलम्पतीभिः कुकुभां समूहं…
किसके आभूषण कहाँ पहनें ? सोने के आभूषण की प्रकृति गर्म हैं तथा चाँदी की प्रकृति शीतल है, यही कारण है कि सोने के गहने नाभि से ऊपर और चाँदी के गहने नाभि के नीचे पहनने चाहिए। सोने के आभूषणों से उत्पन्न हुई बिजली पैरों में तथा चाँदी के आभूषणों से उत्पन्न होने वाली ठंडक…
इन्हें भी आजमाइए १. मुंह में छाले हो जाये तो गुलाब को उबालकर ठंडा कर दीजिए और फिर इस पानी से कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। २. दांत दर्द होने पर तुलसी के पत्ते तथा एक काली मिर्च पीसकर छोटी—छोटी गोलियां बना लें। दर्द वाले स्थान पर एक एक गोली…
चेहरे का सौंदर्य कैसे निखारें यदि आप थोड़ी सूझबूझ से काम ले तो आपका रसोई घर ही आपका ब्यूटी पार्लर है। आपके रसोई घर में वह सब कुछ मौजूद है जो आपको सुन्दरता प्रदान कर सके। चेहरे पर ताजगी और निखार लाने के लिये नींबू और संतरे के रस को यदि चेहरे पर लगाये तो…
Cow Milk is Root of Beauty (गौ दुग्ध सौन्दर्य का मूल है) पुराने जमाने से ही दूध के माध्यम से रोग निवारण की चिकित्सा प्रणाली चली आ रही है।दूध में रोगों को नष्ट करने की ताकत विद्यमान है। गाय के दूध को नाड़ी दुर्बलता नष्ट करने के लिए सर्वश्रेष्ठ कहा गया है।यह वायु, पित्त…
घटाएं चर्बी पैरों को पास में रखकर खड़े हो जाइये चेहरे को पीछे की ओर मोड़कर जितना पीछे जा सकते हो जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रुकें । अब ठोड़ी को छाती की हड्डी पर गले के नीचे चिपका दें। यदि चिपकाना संभव न हो तब भी कोशिश करते रहें। सीधे खड़े रहें और…