विषैले जीवों के काटने पर किसी भी जीव, जन्तु , कीट को छेड़ने व गलती से उनके ऊपर हाथ पैर पड़ जाने से वे मनुष्य को काट कर नुकसान पहुँचाकर अपना बचाव करते हैं। मधुमक्खी,बर्रे तथा कीड़े, मच्छर आदि के काटने पर डंक द्वारा एक प्रकार का विष जो बहुत कम मात्रा में होता है,हमारे…
रात में भोजन— नहीं—नहीं स्वस्थ रहना इतना मुश्किल नहीं है लेकिन यह हमारी ही लापरवाही का नतीजा है कि हम स्वस्थ नहीं रह पाते। हम अपना स्वास्थ्य स्वयं ही खराब करते हैं। लापरवाही का यह नतीजा होता है कि हमारा शरीर बीमारियों का घर बनता चला जाता है। ये बीमारियां फिर धीरे—/धीरे विकराल रूप धारण…
राजा श्रीपाल का घर से प्रस्थान एवं मार्ग में अनेक विद्याओं की सिद्धि एवं भुजवल से धन की प्राप्ति श्रीपाल अपने हाथ में चंद्रहास धारण कर पैदल ही चले जा रहे थे। अनेक वन, पर्वत, गुफा, नदी, तालाब, ग्राम, नगर आदि का अतिक्रमण करते हुए वे वत्सनगर में आ गये। वहाँ की रमणीय शोभा को…
श्वेत वाहन मुनिराज की कथा देखों,परिणामों की विचित्रता बहुत समय पूर्व चम्पानगरी में राजा श्वेतवाहन राज्य करता था एक बार भगवान महावीर का उपदेश सुनकर उनका हृदय वैराग्य से भर गया इस कारण उन्होंने अपने पुत्र विमल वाहन को राज्य का भार सौंप कर, अनेकद राजाओं के साथ संयम धारण कर लिया।बहुत समय तक मुनियों…
मोटापा ऐसे कम करें डॉ. ममता बड़जात्या, इन्दौर जिस दिन आप सुख को महसूस करने लगेगें उसी दिन से होगी शुरु मोटापे की लहर मोटापा भौतिक युग तथा सम्पन्नता का प्रतीक सौन्दर्य का दुश्मन यह शब्द हम महामारी की तरह फैलता देख रहे हैं। तथा आने वाली पीढ़ी को भी हम देंगे विरासत में यह…
तत्त्वार्थ सूत्र में द्रव्य विमर्श भारत की दर्शन परम्परा अतिप्राचीन है। भारतीय आस्था एवं परम्परा की आधारशिला दर्शन पर स्थापित है अथवा अन्योन्याश्रय सम्बन्ध कहना अधिक उचित होगा। दर्शन की धुरी द्रव्य, तत्त्व, पदार्थ के केन्द पर ही घूमती है। द्रव्य शब्द केवल दर्शन का ही नहीं, अपितु भारतीय वाङ्मय, संस्कृत, पालि, प्राकृत आदि समस्त…
एसिडिटी को कहे बाय-बाय अगर आप एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो तुरन्त उस पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए। एसिडिटी लगातार बनी रहती है और अगर आपने उपचार पर ध्यान न दिया, तो पेट में छाले पड़ने (पेप्टिक अल्सर) की संभावना बढ़ जाती है। कैफीन को नजरअंदाज करें और हर्बल टी पीने…
जैतून का तेल करे कमाल जैतून का तेल आपकी त्वचा के लिये इसलिये गुणकारी है, क्योंकि यह त्वचा के पोरों को बंद किए बगैर ही सीधे त्वचा में जाकर पोषण प्रदान करता है जिससे त्वचा आसानी से साँस लेती रहती है। यह आपकी त्वचा, बालों और नाखूनों के लिये वरदान है। कसी हुई त्वचा के…
सती द्रौपदी जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र सम्बन्धी अङ्गदेश में एक चम्पापुरी नाम की नगरी है। उसी नगरी में एक सोमदेव ब्राह्मण रहता था, उसकी भार्या का नाम सोमिला था। उन दोनों के सोमदत्त, सोमिल और सोमभूति ये तीन पुत्र थे जो कि वेदवेदांगों में पारगामी थे। सोमिला के भ्राता अग्निभूति की अग्निला स्त्री से तीन…