विनयांजलि
विनयांजलि -पं. प्रवीणचंद जैन, जम्बूद्वीप कुंडलिया छंद (१) स्वामी रवीन्द्रकीर्ति का हो रहा मंगल गान। जैन धर्म की बन गये, अजब निराली शान।। अजब निराली शान, पताका सब दिशि छाई। बड़े प्रेम से कहते तुमको, सब जन भाई।। गणिनी ज्ञानमती माता ने दिया आशीष अनोखा। जगह-जगह सम्मान हो रहा स्वामी रवीन्द्र कीर्ति का।। (२) बाल…