भजन
भजन तर्ज-झूठ बोले कौआ काटे…… अम्मा रूठे पापा रूठे, रूठे भाई और बहना। मैं दीक्षा लेने जाऊँगी तुम देखते रहना।। माँ – मानो बेटी बात हमारी आयु अभी तोड़ी है। इतनी आयु में क्यों बिटिया त्याग से ममता जोड़ी है। दीक्षा में है कष्ट घनेरे तुमरे बस की न सहना।। मैं दीक्षा लेने जाऊँगी…………. माताजी…