भरत का गर्भावतरण एवं जन्म!
भरत का भारत यशस्वती महादेवी राजमहल में सो रही थीं, रात्रि के पिछले प्रहर में उन्होंने उत्तम-उत्तम छह स्वप्न देखे। स्वप्न देखने के बाद मंगलपाठ प़ढते हुए बंदीजनों के शब्द सुनकर वे जाग पड़ीं। बंदीजन इस तरह पाठ पढ़ रहे थे कि – ‘‘हे कल्याणि! दूसरों का कल्याण करने वाली और स्वयं सैक़डों कल्याण को…