गृह त्याग और क्षुल्लिका जीवन
गृह त्याग और क्षुल्लिका जीवन घर से अन्तिम प्रस्थान बहुत दिनों पूर्व जब मैं छोटी थी और कैलाश भी ५-७ वर्ष का छोटा सा ही था तब मैंने एक दिन उसे कुछ समझाकर कहा था कि- ‘‘देखो कैलाश! तुम मेरे सच्चे भाई तब हो, कि जब मेरे समय पर मेरे काम आओ, अतः कभी यदि…