२१ पुत्र मिलन
राम-लक्ष्मण व लव-कुश के युद्धोपरान्त पिता-पुत्र मिलन रत्नजटित सिंहासन पर लव-कुश विराजमान हैं। नारद प्रवेश करते हैं, देखते ही दोनों वीर उठकर खड़े होकर विनय सहित घुटने टेक कर उन्हें नमस्कार कर उच्च आसन प्रदान करते हैं। प्रसन्न मुद्रा में स्थित नारद कहते हैं – ‘‘राजा राम और लक्ष्मण का जैसा वैभव है सर्वथा वैसा…