जैनेतर संस्कृत साहित्य में भगवान वृषभदेव
जैनेतर संस्कृत साहित्य मेंभगवान् वृषभदेव डा. जयकुमार जैन वर्तमान अवसर्पिणी कालचक्र के तृतीय अर में चौदह कुलकर हुए, जिनमें चौदहवें कुलकर नाभिराय एवं उनकी अर्धागिनी मरुदेवी से मति, भुत, अवधिज्ञान के धारक पुत्र का जन्म हुआ । इन्द्रों ने बालक का सुमेरु पर्वत पर अभिषेक किया और उनका नाम वृषभ रखा । वृषभदेव के…