24. भगवान महावीर-02
अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर प्रस्तुति – गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी’ जब अच्युतेन्द्र की आयु छह मास बाकी रह गई तब इस भरत क्षेत्र के विदेह नामक देश में कुंडलपुर तिलोयपण्णत्ति, अधिकार ४। नगर के राजा सिद्धार्थ के भवन के आँगन में प्रतिदिन साढ़े सात करोड़ प्रमाण रत्नों की धारा बरसने लगी। आषाढ़ शुक्ला षष्ठी…