मध्यप्रदेश के सिद्ध क्षेत्र!
[[श्रेणी:सिद्ध_क्षेत्र]]
जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी परम पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी जैसी महान गुरु की महान शिष्या प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकरात्न श्री चंदनामती माताजी का विशेष परिचय इस आलेख में आर्यिका श्री स्वर्णमती माताजी दवारा प्रस्तुत किया गया है | पूज्य चंदनामती माताजी वर्तमान युग की वह महान शिष्यारत्न हैं जिन्होंने ११ वर्ष की उम्र से लेकर आज तक सदा गुरुआज्ञा को सर्वोपरि मानकर ख्याति , लाभ , पूजा की भावना से दूर रहकर एक आदर्श उपस्थित किया है , यहाँ उनके विराट व्यक्तित्व को कतिपय शब्दों में बताया गया है |
आर्यिका श्री प्रवेशमती माताजी का संक्षिप्त-परिचय पूर्व नाम श्रीमति सुमित्रा देवी जी माता श्रीमति छोटी बाई जी पिता श्री मुलचन्द् जी जन्मस्थान सिन्गपुर तह जबेरा जिला दमोह वेराग्य का कारण पुत्र का वेराग्य{मुनि श्री अमित सागर जी की दिक्षा} आजीवनब्रह्मचर्य व्रत १९८१ , छिन्दवाडा, आचार्य पुष्पदन्तसागर जी प्रतिमा व्रत ७ प्रतिमा व्रत १९८९,मुनि श्री समतासगर…