अप्राप्यकारी इन्द्रियाँ!
अप्राप्यकारी इन्द्रियाँ Visionary senses, eye & mind. जो इन्द्रिया पदार्थों को बिना स्पर्श किए दूर से जाने ,चक्षु एवं मन । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अप्राप्यकारी इन्द्रियाँ Visionary senses, eye & mind. जो इन्द्रिया पदार्थों को बिना स्पर्श किए दूर से जाने ,चक्षु एवं मन । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अप्रशस्त विहायोगति A type of karmic nature causing inauspicious spatial movement. नाम कर्म की एक प्रकृति ,जिसके उदय से आकाश में नमन असुहाव्ना हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अभयनन्दि An Acharya saint, who wrote a treatise ‘Jainendra Mahavritti’. एक दिगंबर जैन आचार्य,जिन्होंने ई.सन.९३०-९५० में जैनेन्द्र महावृत्ति नामक प्रधान कृति की रचना की । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अप्सरा Beautiful female deities. देवी-देवांगना नृत्यकारिणी देवी । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अभवस्थ An emancipated or salvated soul. जो भाव (संसार) में स्थित नहीं है अर्थात जो सिद्ध है । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अप्रासुक Impure, Unsterilized. सचित ,जो एकेन्द्रिय जीन सहित हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अप्रादेशिक Indivisible space point of a matter. एक प्रदेश जिसके विभाग न हों वह अप्रदेशी है । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अभयमती Name of an Aryika, the disciple of Acharya Dharmsagar and younger sister of Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji of household life. पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की शिष्या एवं गृहस्थावस्था की लघु बहन ,जिन्होंने सन १९६४ में पूज्य माता जी से क्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण की .धर्म प्रभावना के साथ इन्होने अनेक प्रकार का…
उत्तम आर्जव धर्म नाटिका पात्र– १. राजा सगर २. मंदोदरी धाय ३. विश्वभू मंत्री ४. सुयोधन राजा ५. अतिथि रानी ६. सुलसा राजकुमारी ७. मधुपिंगल ८. दो निमित्त ज्ञानी ९. महाकाल असुर (ब्राह्मण वेश में)-दो तीन साथी भी ब्राह्मण वेश में १०. पर्वत ११. पाँच-सात राजागण। सूत्रधार–सुनो सुनो भाई सुनो सुनो, आर्जव धर्म की कथा…