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Tag: Daslakshan Plays

Home Posts Tagged "Daslakshan Plays"

उत्तम आकिंचन धर्म नाटिका

August 31, 2020jambudweepDaslakshan Plays

(९) उत्तमआकिंचन्य धर्म (नाटिका) ब्र. कु. दीपा जैन (संघस्थ) प्रात:काल की मंगल बेला है, १७-१८ साल की एक बालिका भारती स्नानादि से निवृत्त होकर अपनी सहेली ऋद्धि के घर पहुँच जाती है। ऋद्धि भी मंदिर जाने के लिए तैयार हो रही है, साथ में कुछ गुनगुना भी रही है।)   भारती-ऋद्धि! तुम अभी तक तैयार…

क्षमावणी पर्व का महत्व नाटिका!

September 25, 2018jambudweepDaslakshan Plays

क्षमावणी पर्व का महत्त्व (नाटिका) -ब्र. कु. अलका जैन (संघस्थ) १३-१४ साल की एक बालिका जिसका नाम देशना है वह स्कूल से आती है और अपने बैग को एक कोने में रखती हुई चिल्लाते हुए माँ से कहती है। देशना-माँ, मुझे बहुत तेज से भूख लगी है, मुझे जल्दी से खाना दो।   माँ-(अंदर से…

05-उत्तम शौच धर्म नाटिका!

September 21, 2018jambudweepDaslakshan Plays

उत्तम शौच धर्म पर अंग्रेजी नाटिका (5) Greed : The Father of All the Sins (A Play related with Uttam Shauch Dharma)   Aryika Swarnmati (Sanghasth)   (Participants-Seth Lubdhak (uegyOekeâ) & his wife Nagvasu (veeieJemeg), King Abhayvahan (DeYeÙeJeenve) & Queen Pundrika (hegC[jerkeâe), Two sons of Lubdhak-Garurdatta (ie®Ì[oòe) & Nagdatta (veeieoòe), Some attendants of the King)…

04 -उत्तम सत्य धर्म नाटिका!

September 20, 2018jambudweepDaslakshan Plays

(४) उत्तम सत्य धर्म (नाटिका) आर्यिका सुदृढ़मती (संघस्थ)   नाटक के पात्र-राजा सिंहसेन-रानी रामदत्ता, सेठ समुद्रदत्त, पुरोहित शिवभूति (सत्यघोष), बहन जी (पाठशाला की मैडम), २-३ बच्चे, दासी, नागरिक, सत्यघोष की पत्नी, सभासद। प्रथम दृश्य समय-  सायंकाल, स्थान-दि. जैन मंदिर का भवन (एक दि. जैन रात्रि पाठशाला का दृश्य जहाँ सभी बच्चे नीचे आसन पर लाइन…

06-उत्तम संयम धर्म नाटिका!

September 20, 2018jambudweepDaslakshan Plays

(६) उत्तम संयम धर्म (नाटिका) ब्र. कु. बीना जैन (संघस्थ) नाटक के पात्र-राजा सिंहसेन-रानी रामदत्ता, सेठ समुद्रदत्त, पुरोहित शिवभूति (सत्यघोष), बहन जी (पाठशाला की मैडम), २-३ बच्चे, दासी, नागरिक, सत्यघोष की पत्नी, सभासद। प्रथम दृश्य- समय-सायंकाल, स्थान-दि. जैन मंदिर का भवन (एक दि. जैन रात्रि पाठशाला का दृश्य जहाँ सभी बच्चे नीचे आसन पर लाइन…

10-उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म नाटिका!

September 20, 2018jambudweepDaslakshan Plays

(१०) उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म (नाटिका) -ब्र. कु. श्रेया जैन (संघस्थ)   नोट – ध्यान दें! नाटक मंचन में जम्बूकुमार एवं उनकी चार पत्नियों को प्रस्तुत करने हेतु बालक-बालक अथवा बालिका-बालिका से ही रोल करायें।)   भूमिका– आत्मा ही ब्रह्म है, उस ब्रह्मस्वरूप आत्मा में चर्या करना सो ब्रह्मचर्य है अथवा अनुभूत स्त्री का स्मरण, उनकी…

07- उत्तम तप धर्म नाटिका!

September 20, 2018jambudweepDaslakshan Plays

(७) उत्तम तप धर्म (नाटिका) -ब्र. कु. सारिका जैन (संघस्थ)   जिनमंदिर के बाहर का दृश्य है, ४-५ महिलाएँ बाहर निकलते-निकलते आपस में वार्तालाप कर रही हैं-   महिला १-बहन! एक बात है दशलक्षण पर्व के दिनों में मन बड़ा प्रसन्न रहता है।   महिला २-हाँ बहन! यह बात तो मैं भी महसूस करती हूँ…

08- उत्तम त्याग धर्म नाटिका!

September 20, 2018jambudweepDaslakshan Plays

(८) उत्तम त्याग धर्म (शास्त्रदान की महिमा)-नाटक -ब्र. कु. इन्दु जैन (संघस्थ)   सूत्रधार-मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आज मैं आपको ले चलता हूँ भारतवर्ष के कुरुमरी गाँव में, जहाँ एक ग्वाले ने एक शास्त्र का दान देकर किस प्रकार कालान्तर में दिव्य केवलज्ञान की प्राप्ति कर ली, तो आइए चलते हैं उस प्यारे से…

03- उत्तम आर्जव धर्म नाटिका!

September 19, 2018jambudweepDaslakshan Plays

उत्तम आर्जव धर्म नाटिका पात्र– १. राजा सगर  २. मंदोदरी धाय  ३. विश्वभू मंत्री  ४. सुयोधन राजा  ५. अतिथि रानी   ६. सुलसा राजकुमारी   ७. मधुपिंगल ८. दो निमित्त ज्ञानी  ९. महाकाल असुर (ब्राह्मण वेश में)-दो तीन साथी भी ब्राह्मण वेश में १०. पर्वत  ११. पाँच-सात राजागण। सूत्रधार–सुनो सुनो भाई सुनो सुनो, आर्जव धर्म की कथा…

02-उत्तम मार्दव धर्म – नाटक!

September 14, 2018jambudweepDaslakshan Plays

उत्तम मार्दव धर्म- एक रूपक (‘‘विद्या ददाति विनयं’’) लेखिका – आर्यिका चंदनामती माताजी मंच पर सूत्रधार प्रवेश करके कहता है— प्यारे भाईयों एवं बहनों! मार्दव धर्म मृदुता से उत्पन्न होता है । मान कषाय के साथ इस धर्म की पूर्ण शत्रुता है । ज्यों-ज्यों आपके हृदय से अहंकार नष्ट होता जाएगा त्यों-त्यों इस गुण का…

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