संस्कृत भाषा अति प्राचीन भाषा है जिसका ज्ञान प्राप्त करना आज लोगों को कठिन लगता है किन्तु अत्यंत सरल भाषा में संस्कृत की शिक्षा प्रदान करने के लिए इस पुस्तक का लेखन किया गया है | इसमें स्वर, व्यंजन, संधि आदि को बताया है |
बाहुबली भगवान कृतयुग की आदि में अंतिम कुलकर महाराजा नाभिराज हुए हैं। उनकी महारानी मरुदेवी की पवित्र कुक्षि से इस युग के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का जन्म हुआ है। वैदिक परम्परा में इन्हें अष्टम अवतार माना गया है। ऋषभदेव के दो रानियाँ थीं-यशस्वती और सुनन्दा। यशस्वती के भरत, वृषभसेन आदि सौ पुत्र हुए और ब्राह्मी…
स्वसमय और परसमय त्रिशला– जीजी! आज तुमने जो आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी के द्वारा किये गये समयसार के उपदेश में स्वसमय-परसमय का विवेचन सुना है, उसे हमें एक बार पुन: समझाओ? मालती– सुनो! मैं विस्तृत विवेचन के साथ तुम्हें समझाती हूँ। जीवो चरित्तदंसणणाणट्ठिउ तं हि ससमयंजाण। पुग्गलकम्म पदेशट्ठियं च तं जाण परसमयं।। अर्थ-जो जीव दर्शन,…