सहस्रकूट जीनबिम्ब की आरती
सहस्रकूट जिनबिम्ब की आरती तर्ज—झुमका गिरा रे....... आरति करो रे, श्री सहस्रकूट के जिनबिम्बों की आरति करो रे। टेक.।। इनकी आरति जनम जनम के, पाप तिमिर को हरती है। पुण्य सूर्य की दिव्यप्रभा से, अन्तर कलियाँ खिलती हैं।। आरति करो, आरति करो, आरति करो रे, श्री सहस्रकूट के जिनबिम्बों की आरति करो रे।।१।। श्री...