सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्र की आरती
सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्र की आरती तर्ज—मैं तो ............. मैं तो आरती उतारूँ रे, सम्मेदगिरिवर की, जय जय सम्मेदशिखर, जय जय जय-२।।टेक.।। कहा शाश्वत है यह गिरिराज, अनादी कालों से-अनादी कालों से। मुक्ति वरते यहीं से जिनराज, अनादी कालों से-अनादी कालों से।। पावन है, पूज्य है, गिरिवर की धूल है, सिर पे चढ़ाओ जी, हो धूली सिर...