उत्तम आकिंचन धर्म नाटिका
(९) उत्तमआकिंचन्य धर्म (नाटिका) ब्र. कु. दीपा जैन (संघस्थ) प्रात:काल की मंगल बेला है, १७-१८ साल की एक बालिका भारती स्नानादि से निवृत्त होकर अपनी सहेली ऋद्धि के घर पहुँच जाती है। ऋद्धि भी मंदिर जाने के लिए तैयार हो रही है, साथ में कुछ गुनगुना भी रही है।) भारती-ऋद्धि! तुम अभी तक तैयार…