भगवान पुष्पदन्तनाथ चालीसा
श्री पुष्पदन्तनाथ चालीसा दोहा ऋषभदेव को आदि ले, चन्द्रप्रभू पर्यंत। आठ जिनेश्वर को नमूँ, हो सुख-शान्ति अनंत।।१।। पुष्पदंत भगवान के, चालीसा का पाठ। पढ़ने वालों को मिले, शिवपथ का आधार।।२।। विद्यादेवी को नमूँ, होवे मति-श्रुतज्ञान। लिखने की शक्ती मिले, दूर होय अज्ञान।।२।। -चौपाई- पुष्पदन्त तीर्थंकर प्यारे, काकन्दी के राजदुलारे।।१।। पिता कहे सुग्रीव तुम्हारे, जयरामा के...