भगवान पद्मप्रभु पूजा
भगवान श्री पद्मप्रभ जिनपूजा अथ स्थापना पद्म प्रभू जिन मुक्तिरमा के नाथ हैं। श्री आनन्त्य चतुष्टय सुगुण सनाथ हैं।। गणधर मुनिगण हृदय कमल में धारते। आह्वानन कर…
भगवान श्री पद्मप्रभ जिनपूजा अथ स्थापना पद्म प्रभू जिन मुक्तिरमा के नाथ हैं। श्री आनन्त्य चतुष्टय सुगुण सनाथ हैं।। गणधर मुनिगण हृदय कमल में धारते। आह्वानन कर…
निर्वाण क्षेत्र पूजा अथ स्थापना (गीता छंद) चौबीस तीर्थंकर जिनेश्वर जहाँ जहाँ से शिव गये। गणधरगुरू अन्यान्य संख्यों साधु जहाँ से शिव गये।। वे सर्व…
जैन इन्साइक्लोपीडिया निर्माण के विशिष्टजन एवं सम्बन्धित टीम संस्थापिका २२ अक्टूबर सन् १९३४, शरदपूर्णिमा के दिन टिकैतनगर ग्राम (जि. बाराबंकी, उ.प्र.) के श्रेष्ठी श्री छोटेलाल जैन की धर्मपत्नी श्रीमती मोहिनी देवी के दांपत्य जीवन के प्रथम पुष्प के रूप में ‘‘मैना’’ का जन्म परिवार में नवीन खुशियाँ लेकर आया था। माँ को दहेज मे प्राप्त‘पद्मनंदिपंचविंशतिका’…
सप्तपरमस्थान व्रत विधि सज्जाति: सद्गार्हस्थ्यं पारिव्राज्यं सुरेन्द्रता। साम्राज्यं परमार्हन्त्यं परिनिर्वाणमित्यपि।। सज्जाति, सद्गार्हस्थ्य, पारिव्राज्य, सुरेन्द्रता, साम्राज्य, आर्हन्त्य और निर्वाण ये सात परम-सर्वोत्तम स्थान माने गये हैं। माता-पिता के वंश परम्परा की शुद्धि सज्जाति है। श्रावकाचार क्रियायुक्त श्रावक सद्गृहस्थ है। रत्नत्रय की पूर्ति हेतु जैनेश्वरी दीक्षा लेना पारिव्राज्य स्थान है। पंडितमरण से समाधिपूर्वक मरण कर देवेन्द्र होना…
भगवान श्री चन्द्रप्रभ जिनपूजा अथ स्थापना नरेन्द्र छंद अर्धचन्द्र सम सिद्ध शिला पर, श्रीचन्द्रप्रभ राजें। चन्द्रकिरण सम देह…
जैन धर्म में अहिंसा का स्वरूप डॉ. अनुभा जैन (संस्कृत) यमुना नगर, हरियाणा प्रत्येक धर्म में अहिंसा की बहुत महिमा है परन्तु जैन अहिंसा सैद्धान्तिक दृष्टि से सारे धर्मों की अपेक्षा असाधारण रही है। जैन दर्शन में अहिंसा का सर्वोत्तम स्थान है। प्रकृति में सब जीवों का अपना—अपना विशेष महत्व है।जैन धर्म उन सब जीवों…
कैमोमाइल चाय कैमोमाइल के फूलों से बनी चाय पीने से त्वचा में नरम आहट और चमक आती है जिन लोगों को नींद नहीं आती है उन्हें रोजाना रात को सोने से पहले इस चाय का सेवन करना चाहिए यह नींद लाने में मददगार होती है और अगर आप सर्दी जुकाम से पीड़ित हैं तो…