जम्बूद्वीप की आरती
जम्बूद्वीप की आरती ॐ जय जम्बूद्वीप जिनं, स्वामी जय जम्बूद्वीप जिनं। इसके बीचोंबीच सुशोभित, स्वर्णाचल अनुपम।।ॐ जय.।।टेक.।। जम्बूद्रुम से सार्थक, जम्बूद्वीप कहा।।स्वामी.।। मणिमय नग चैत्यालय-२, से युत शोभ रहा।।ॐ जय.।।१।। मेरू सुदर्शन पूर्व अपर में, बत्तिस हैं नगरी।। स्वामी.।। तीर्थंकर की सतत जहां पर-२ दिव्यध्वनि खिरती।।ॐ जय.।।२।। सिद्धकूट अरू सुरगृह में भी, जिनप्रतिमा शाश्वत।।स्वामी.।। ऋद्धि...