आहार
आहार त्त्रयाणां शरीराणां षण्णां पर्याप्तीनां योग्यपुदगल ग्रहण माहार: । ’ तीन शरीर और छह पर्याप्तियों के योग्य पुद्गलों के ग्रहण करने को आहार कहते है । उपभोग्य शरीर के योग्य पुद्गलों को ग्रहण आहार कहते है । यह आहार शरीर नाम कर्म के उदय तथा विग्रह गतिनाम के उदय के अभाव से होता है ।…