01.3 श्रावक की षट् आवश्यक क्रियाए
श्रावक की षट् आवश्यक क्रियाए ३.१ ‘देव-पूजा, गुरु-पास्ति:, स्वाध्याय: संयमस्तप:। दानं चेति गृहस्थानां, षट्-कर्माणि दिने दिने।।’’ देव-पूजा, गुरु-उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप और दान गृहस्थों के प्रतिदिन के छ: कार्य हैं अर्थात् गृहस्थों को इन छ: कार्यों को प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। जो पुरुष देवपूजा, गुरु की उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप और दान इन षट्कर्मों के…