इंद्रजाल इंद्रजाल अर्थात – माया | भारत में अनेक इंद्रजालिया है जो नाना विधिया आपने इंद्रजाल फैलाते है और मायावी शक्तियों, तिलस्मी शक्तियों द्वारा अपने कार्य की सिद्धि करते है | जादूगर भी इंद्रजाल द्वारा दर्शको को सम्मोहित कर अपने वश कर लेते है और ऐसे -२ करतब दिखाते है जिन्हे देखकर रोमांच हो जाता…
इन्जन इन्जन ट्रेन, मोटर आदि में आगे की ओर लगने वाली मशीन है जिसके द्वारा रेलगाड़ी , कार, मोटर, हवाई जहाज आदि चलते हैं । भारत के जेम्स बांड नामक एक व्यक्ति ने इसकी खोज की । एक बार जेम्स बांड घर में अंगीठी के पास बैठा केतली में उबलते पानी को देख रहा था…
इत्र इत्र एक सुगन्धित वस्तु का नाम है । अंग्रेजी भाषा में इसे सेन्ट कहते है । शरीरिक सुन्दरता को बढ़ाने में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं । इत्र को अपने वस्त्रों पर छिड़कर वह इसका आनन्द लेते हैं । भोजन में भी आने वाला इत्र प्रयोग किया जाता है । यह फूलों से तथा…
इन्दु ‘इन्दु’ यह चन्द्रमा का पर्यायवाची नाम है । चन्द्रमा रात्रि में निकलता है और सभी को शीतलता प्रदान करता है । चन्द्रमा की सोलह कलाएं हाती है एक एक कला एक एक दिन के हिसाब से वृद्धिगत होती है एकम दूज तीच चौथ आदि । कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष ऐसे चन्द्रमा की कलाएं…
ईर्यासमिति साधुओं के २८ मूलगुणों मे पंचमहाव्रत, पांच समिति, पांच इन्द्रिय- निरोध , छह आवश्यक क्रियाएं एंव सात शेष गुण है । उन पांच समितियों में एक ईर्यासमिति है । प्रासुक मार्ग से दिन में चार हाथ प्रमाण देखकर अपने कार्य के लिए प्राणियों को पीड़ा नहीं देते हुए संयमी का जो गमन है वह…
ईर्यापथ शुद्धि अनेक प्रकार के जीवस्थान,, योनिस्थान, जीवाश्रय आदि के विशिष्ट ज्ञानपूर्वक प्रयत्न के द्वारा जिसमें जीव जन्तु पीड़ा का बचाव किया जाता है , जिसमें ज्ञान, सूर्य, प्रकाश और इन्द्रिय प्रकाश से अच्छी तरह देखकर गमन किया जाता है तथा जो शीघ्र , विलम्ति, सम्भ्रान्त, विस्मित, लीलाविकार, अन्य दिशाओं की ओर देखना आदि गमन…
ईर्यापथ क्रिया गमन कम्पन आदि अर्थों में क्रिया शब्द का प्रयोग होता है । जीव व पुदगल ये दो ही द्रव्य क्रिया शक्ति सम्पन्न माने गये है । संसारी जीवों में और अशुद्ध पुदगलों की क्रिया वैभाविक होती है और मुक्तजीवों व पुदगल परमाणुओं की स्वाभाविक । धार्मिक क्षेत्र में श्रावक व साधुजन जो कायिक…
ईर्यापथ कर्म जिन कर्मों का आस्रव होता है पर बन्ध नहीं होता उन्हे ईर्यापथ कर्म कहते है । आने के अगले क्षण में ही बिना फल दिये वे झड़ जाते है । अत: इनमें एक समय मात्र की स्थिति होती है अधिक नहीं । मोह का सर्वथा उपशम या क्षय हो जाने पर ही ऐसे…
इन्दिरा गान्धी प. जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री हुए । उनकी पुत्री का नाम ‘इन्दु’ (इन्दिरा)था जिन्होने बचपन से ही स्वतन्त्रता संग्राम में बढ़ – चढ़कर भाग लिया और भारत की स्वतन्त्रता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई । यह भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी । इनके पश्चात् इनके ज्येष्ठ पुत्र राजीव गान्धी…