03.3 गणधर एवं प्रमुख आचार्य
गणधर एवं प्रमुख आचार्य ३.१ जो भगवान की दिव्य-ध्वनि को ग्रहण करने में समर्थ होते हैं और जो उस वाणी का सार जगत को श्रुत के रूप में प्रदान करते हैं, ऐसे महा मुनि को गणधर कहते हैं। ये उसी भव से मोक्ष जाते हैं। ये केवलज्ञान के अतिरिक्त शेष ६३ ऋद्धियों के धारी होते...