उपाध्याय (Upadhyay)
उपाध्याय (Upadhyay) जिन्हें ग्यारह अंग और चौदहपूर्वोें का या उस समय के सभी प्रमुख शास्त्रों का ज्ञान है जो मुनि संघ में साधुओं को पढ़ाते है वे उपाध्याय परमेष्ठी कहलाते है । उपाध्याय परमेष्ठी के ११ अंग और १४ पूर्व को पढ़ना – पढ़ाना ही २५ मूलगुण है । ग्यारह अंग – आचारांग, सूत्रकृतांग, स्थानांग,…