जिनेन्द्र भक्ति संग्रह (भाग-२)अमोघ काम
जिनेन्द्र भगवान की स्तुति भक्ति वह अमोघ शक्ति है ,जिससे बड़े-बड़े काम सिद्ध हो जाते है | भगवान की भक्ति से असम्भव कार्य भी संभव हो जाते है |इस पुस्तक में भगवान ऋषभदेव की स्तुति (जो सप्त विभक्ति समन्वित है )पुन:पंचकल्याणक स्तोत्र पृथक-पृथक गर्भ ,जन्म ,दीक्षा ,ज्ञान ,केवलज्ञान एवं मोक्षकल्याणक स्तोत्र है ,द्वादशांगवाणी स्तोत्र नंदीश्वरस्तोत्र पुन्यास्र्वस्तोत्र कर्मदहनस्तोत्र गणिनी आर्यिका स्तोत्र आदि अनेकानेक स्तोत्र को रचकर पूज्य गणिनी ज्ञानमति माताजी ने हमे प्रदान किया है |यह स्तोत्र सभी का मंगल करें |