46. अर्थ गलत हो जाने से दो मत नहीं होते हैं
अर्थ गलत हो जाने से दो मत नहीं होते हैं सूर्य-चन्द्र के बिम्ब की सही संख्या का स्पष्टीकरण सर्वत्र ज्योतिर्लोक का प्रतिपादन करने वाले शास्त्र तिलोयपण्णत्ति, त्रिलोकसार, लोकविभाग, श्लोकवार्तिक, राजवार्तिक आदि ग्रन्थों में सूर्य के विमान योजन व्यास वाले एवं इससे आधे योजन की मोटाई के हैं और चन्द्र विमान योजन व्यास वाले एवं २८/६१...