05.4 परमात्म प्रकाश-एक अध्ययन
परमात्म प्रकाश-एक अध्ययन चार्य श्री योगीन्द्रदेव (१३ वीं शताब्दी में हुए) द्वारा रचित परमात्मप्रकाश ग्रन्थ वास्तव में एक आध्यात्मिक ग्रन्थ होने के साथ ही ज्ञानपिपासुओं के लिए विशेष स्वाध्याय योग्य ग्रन्थ है। उस परमात्मप्रकाश के मंगलाचरण में आचार्यश्री कहते हैं— जे जाया झाणग्गियएँ कम्मकलंक डहेवि। मिच्च णिरंजण णाणमय ते परमप्प णवेवि।।१।। अर्थात् जो भगवान ध्यानरूपी…