02.3 जैनधर्म की तीर्थंकर परम्परा
जैनधर्म की तीर्थंकर परम्परा ईश्वर का स्वरूप जैनदर्शन में विश्व के अनेक दार्शनिक और साधारणजन भी एक ऐसी सर्वशक्तिमान ईश्वर नाम की सत्ता को मानते हैं, जिसने उनकी मान्यता के अनुसार इस सृष्टि की रचना की है जो उसके प्रबंध-संचालन की सारी व्यवस्था करता है। बिना उसकी इच्छा-आज्ञा के पत्ता तक नहीं हिलता। जैनदर्शन ऐसे…