05.3 ध्यान, ध्याता एवं ध्येय
ध्यान, ध्याता एवं ध्येय आचार्य श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती रचित द्रव्यसंग्रह ग्रंथ में ध्यान का वर्णन निम्न प्रकार से आया है- मुनिवरगण ध्यान लगा करके, इन द्विविध मोक्ष के कारण को। जो निश्चय औ व्यवहार रूप, निश्चित ही पा लेते उनको।। अतएव प्रयत्न सभी करके, तुम ध्यानाभ्यास करो नित ही। सम्यक् विधि पूर्वक बार-बार, अभ्यास सफल…