09. मानव जीवन
मानव जीवन मानव जीवन का विराट स्वरूप हम सबके सामने है। जब हम उसका गहराई से अध्ययन करते हैं तब उसमें अच्छाइयों और बुराइयों का एक विचित्र सा ताना-बाना हमें परिलक्षित होता है। एक ओर आध्यात्मिक भावना की पवित्र एवं निर्मल धारायें प्रवाहित होती नजर आती हैं तो दूसरी ओर दुर्वासनाओं की गंदी और सड़ती…