02.3 चतुर्गति यात्रा संवाहक आयुकर्म एवं शरीर निर्माता नामकर्म
चतुर्गति यात्रा संवाहक आयुकर्म एवं शरीर निर्माता नामकर्म परिणामों की विचित्रता है। जीवों को सदैव अपने परिणामों को सम्भालते रहना चाहिए। आयु कर्म का किस समय बन्ध हो जाये पता नहीं। आयु कर्म बड़ा प्रबल होता है। एक बार आयु का बंध हो जाने पर वह छूटता नहीं। हाँ, परिणामों के शुभ-अशुभ होने पर उसमें…