03.4 मुनियों की आहारशुद्धि
मुनियों की आहारशुद्धि दिगम्बर साधु संयम की रक्षा हेतु शरीर की स्थिति के लिए दिन में एक बार छियालीस दोष-चौदह मल दोष और बत्तीस अंतरायों को टाल कर आगम के अनुकूल नवकोटि विशुद्ध आहार ग्रहण करते हैं। इसी को पिंडशुद्धि या आहारशुद्धि कहते हैं। ४.१ छ्यालीस दोष- दिगम्बर मुनि के आहार के छ्यालीस दोष माने…