कृतिकर्म (Kratikarm)
कृतिकर्म (Kratikarm) दैनिकादि क्रियाओं में साधुओं को किस प्रकार के आसन, मुद्रा आदि का ग्रहण करना चाहिए अथवा किस अवसर पर कौन भक्ति व पाठादि का उच्चारण करना चाहिए अथवा प्रत्येक भक्ति आदि के साथ किस प्रकार आवर्त, शिरोनति व नमस्कार आदि करना चाहिए इस सब विधिविधान को कृतिकर्म कहते हैं। कृतिकर्म के नौ अधिकार…