कुन्दकुन्द (Kundkund)
कुन्दकुन्द (Kundkund) दिगम्बर आम्नाय के एक प्रधान आचार्य । अपरनाम गृद्धपिच्छ आदि पांच । नन्दिसंघ की पट्टावली में जिनचन्द्र आचार्य के पश्चात् मुनि पद्मनन्दी हुए । परिपाटी से आए हुए सिद्धान्त को जानकर कोण्डकुन्डपुर में श्रीपद्मनन्दि मुनि के द्वारा १२००० श्लोक प्रमाण ‘परिकर्म’ नाम का ग्रन्थ षट्खण्डागम के आद्य तीन खण्डों की टीका के रूप…