अनेकान्तवाद और स्याद्वाद
अनेकान्तवाद और स्याद्वाद अनेक अर्थात् बहुत, अंत यानि धर्म, वस्तु अनेक धर्मों से सहित है, यही अनेकान्त है। जैसे एक व्यक्ति पिता की अपेक्षा से बेटा है, पत्नि की अपेक्षा से पति, बच्चे की अपेक्षा पिता तथा बहिन की अपेक्षा से भाई भी है। अनेक धर्मात्मक वस्तु को किसी एक दृष्टि की मुख्यता से…