श्री तीस चौबीसी नामावली स्तुति -शंभु छंद- सिद्धी को प्राप्त हुए होते, होवेंगे भरतैरावत में। ये भूत भवद् भावी जिनवर, मेरे भी रक्षक हों जग में।। इस मध्यलोक के मध्य प्रथित, वर जम्बूद्वीप प्रमुख जानो। उसके दक्षिण में भरत तथा, उत्तर में ऐरावत मानो।।१।। पूरब औ अपर धातकी खंड, द्वीप में दक्षिण उत्तर में। दो…
विधान – श्री ऋषभदेव विधान (वृहद्) श्री ऋषभदेव विधान (लघु) पढ़ें श्री ऋषभदेव विधान पढ़ें व्रत- श्री ऋषभदेव व्रत पढ़ें भजन – भगवान ऋषभदेव से सम्बन्धित भजन चालीसा – भगवान ऋषभदेव चालीसा ऋषभदेव चालीसा भगवान ऋषभदेव दीक्षा ,केवलज्ञान भूमि प्रयाग तीर्थक्षेत्र चालीसा भगवान ऋषभदेव निर्वाणभूमि कैलाशगिरी सिद्धक्षेत्र चालीसा वंदना – भगवान ऋषभदेव वन्दना श्री ऋषभदेव…
ऋषभदेव के श्री भरत आदि १०१ मोक्ष प्राप्त पुत्रों की वंदना ऋषभदेव के पुत्र सब, भरत आदि शत एक। दीक्षा ले शिवपथ लिया, नमूँ नमूँ शिर टेक।।१।। श्री भरत चक्री के ९२३ मोक्ष प्राप्त पुत्रों की वंदना भरत चक्रि के विवर्द्धनादि-सुत नव सौ तेईस। दीक्षा ले शिवपथ लिया, नमूँ नमूँ नत शीश।।१।। इक्ष्वाकुवंशीय सिद्धपरमेष्ठी वंदना…
मंदिर में छत्र, चंवर, ध्वजा चढ़ाने का पुण्य
छत्र–प्रदान करने से मनुष्य, शत्रुरहित होकर पृथिवी को एक छत्र भोगता है। उसके ऊपर चमर ढोरे जाते हैं।