10. शेष चार व्रत
शेष चार व्रत सत्य व्रत असदभिधानमनृतम्।।१४।। अप्रशस्त वचन बोलना असत्य है। यहाँ पर ‘सत्’ शब्द प्रशंसा अर्थ को कहने वाला है अत: ‘न सत् असत्’ का अर्थ है अप्रशस्त। अभिधान अर्थात् कथन और अनृत अर्थात् झूठ अर्थात् अप्रशस्त अर्थ को कहना सो झूठ है। यदि मिथ्या अर्थ को अर्थात् विपरीत अर्थ को कहना सो असत्य…