अध्याय ७ – सुदं मे आउस्संतो! (मुनिधर्म) सुदं मे आउस्संतो! इह खलु समणेण भयवदा महदि-महावीरेण महा-कस्सवेण सव्वण्हुणा सव्वलोगदरिसिणा सदेवासुर-माणुसस्स लोयस्स आगदि-गदि-चवणो-ववादं बंधं मोक्खं इिंड्ढ ठिदिं जुदिं अणुभागं तक्कं कलं मणो-माणसियं भूतं कयं पडिसेवियं आदिकम्मं अरुह-कम्मं सव्वलोए सव्वजीवे सव्वभावे सव्वं समं जाणंता पस्संता विहरमाणेण समणाणं पंचमहव्वदाणि राइभोयणवेरमण-छट्ठाणि सभावणाणि समाउग-पदाणि सउत्तर-पदाणि सम्मं धम्मं उवदेसिदाणि। (२८ मूलगुण) वद-समिदिंदिय-रोधो…
अध्याय ६ – गणधरवलय मंत्र णमो अरहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।।१।। णमो जिणाणं, णमो ओहिजिणाणं, णमो परमोहिजिणाणं, णमो सव्वोहिजिणाणं, णमो अणंतोहिजिणाणं, णमो कोट्ठ-बुद्धीणं, णमो बीजबुद्धीणं, णमो पादाणुसारीणं, णमो संभिण्णसोदाराणं, णमो सयंबुद्धाणं, णमो पत्तेयबुद्धाणं, णमो बोहियबुद्धाणं, णमो उजुमदीणं, णमो विउलमदीणं, णमो दसपुव्वीणं, णमो चउदस-पुव्वीणं, णमो अट्ठंग-महा-णिमित्त-कुसलाणं, णमो विउव्व-इड्ढि-पत्ताणं, णमो विज्जाहराणं, णमो…
अध्याय ५- निषीधिका दण्डक प्रतिक्रमणभक्ति णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।।२।। णमो जिणाणं ३, णमो णिस्सिहीए ३, णमोत्थु दे ३, अरहंत! सिद्ध! बुद्ध! णीरय! णिम्मल! सममण! सुभमण! सुसमत्थ! समजोग! समभाव! सल्लघट्टाणं सल्लघत्ताणं! णिब्भय! णीराय! णिद्दोस! णिम्मोह! णिम्मम! णिस्संग! णिस्सल्ल! माण-माय-मोस-मूरण! तवप्पहावण! गुणरयणसीलसायर! अणंत! अप्पमेय! महदिमहावीर-वड्ढमाण-बुद्धरिसिणो चेदि णमोत्थु ए णमोत्थु ए…
अध्याय ४- एकादश प्रतिमा इच्छामि भंत्ते! देवसियं आलोचेउं। तत्थ- दंसण-वय-सामाइय-पोसह-सच्चित्त-रायभत्ते य। बंभारंभ-परिग्गह-अणुमण-मुद्दिट्ठ देसविरदे य।।१।। पंचुंबर—सहियाइं सत्त वि वसणाइं जो विवज्जेइ। सम्मत्त—विसुद्धमई सो दंसण—सावओ भणियो।।२।। पंच य अणुव्वयाइं गुणव्वयाइं हवंति तह तिण्णि। सिक्खावयाइं चत्तारि जाण विदियम्मि ठाणम्मि।।३।। जणवयण—धम्म—चेइय—परमेट्ठि—जिणालयाणं णिच्चं पि। जं वंदणं तियालं कीरइ सामाइयं तं खु।।४।। उत्तम—मज्झ—जहण्णं तिविहं पोसह—विहाण—मुद्दिट्ठं। सगसत्तीए मासम्मि चउसु पव्वेसु कायव्वं।।५।। जं…
अध्याय ३ – सुदं मे आउस्संतो! (श्रावक धर्म) पढमं ताव सुदं मे आउस्संतो! इह खलु समणेण भयवदा महदि-महावीरेण महा-कस्सवेण सव्वण्ह-णाणेण सव्व-लोय-दरसिणा सावयाणं सावियाणं खुड्डयाणं खुड्डियाणं कारणेण पंचाणुव्वदाणि तिण्णि गुणव्वदाणि चत्तारि सिक्खा-वदाणि बारसविहं गिहत्थधम्मं सम्मं उवदेसियाणि। तत्थ इमाणि पंचाणुव्वदाणि पढमे अणुव्वदे थूलयडे पाणादि-वादादो वेरमणं, विदिए अणुव्वदे थूलयडे मुसावादादो वेरमणं, तदिए अणुव्वदे थूलयडे अदत्ता-दाणादो वेरमणं, चउत्थे अणुव्वदे…
अध्याय २- कृतिकर्म विधि अथ सिद्धवंदनाक्रियायां पूर्वाचार्यानुक्रमेण सकलकर्मक्षयार्थं भावपूजा-वंदनास्तवसमेतं सिद्धभक्तिकायोत्सर्गं करोम्यहम् । (इस प्रतिज्ञा वाक्य को बोलकर साष्टांग या पंचांग नमस्कार करके खड़े होकर मुकुलित हाथ जोड़कर तीन आवर्त एक शिरोनति करके मुक्ताशुक्ति मुद्रा से हाथ जोड़कर सामायिक दण्डक पढ़ें।) सामायिक दण्डक णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं।। चत्तारि…
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श्रावण शुक्ला पूर्णिमा दिनांक 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन पर्व जम्बूदीप- हस्तिनापुर में मनाया गया। इस अवसर पर तीर्थ पर नवनिर्मित रक्षाबंधन मंदिर, जिसमें अकम्पनाचार्य आदि 700 मुनि एवं विष्णु कुमार की मूर्ति प्रतिष्ठित हुई हैं वहां प्रातः काल दोनों मुनियों की प्रतिमाओं की आहारचर्या तत्पश्चात पूज्य माताजी संघ…
सौधर्म आदि स्वर्गों में विमानों का वर्णन सोहम्मादिचउक्के कमसो अवसेसछक्कजुगलेसु। …