28. क्या जीव की रक्षा के भाव मिथ्यात्वरूप हैं ?
क्या जीव की रक्षा के भाव मिथ्यात्वरूप हैं ? जो पुरुष१ ऐसा मानता है कि मैं परजीव को मारता हॅूं और परजीवों द्वारा मैं मारा जाता हूँ वह पुरुष मूढ़ है, अज्ञानी है और जो इससे विपरीत है वह ज्ञानी है क्योंकि जीवों का मरण तो आयु के क्षय से होता है ऐसा जिनेन्द्रदेव ने...