धनलिप्सा सांसारिक जीवन को संचालित करने के लिए धन-संसाधन आवश्यक हैं , लेकिन ऐसा कभी नहीं होना चाहिए कि केवल वही हमारे जीवन का उद्देश्य बनकर रह जाय | आवश्यकता से अधिक धन की लिप्सा का भाव हमारे भीतर अवगुणों का बीजारोपण करता है |इसके कारण हम रुग्ण हो जाते हैं | यह रोग धन…
संस्कृति और संस्कार भारत की श्रेष्ठता अपने संस्कारों के कारण है | इन संस्कारों की आधारशिला हमारे ऋषियों ने रखी थी | भारतीय जीवन मूल्यों में १६ संस्कारों का समावेश है | जीवन संस्कारों की वेदी पर चढ़कर ही निखरता है | भारतीय संस्कृति के संस्कारयुक्त होने के कारण ही इसे विश्व की आदि संस्कृति…
सक्रियता हमारे धर्मग्रंथों में उल्लिखित है-‘चरैवेति चरैवेति ‘ अर्थात चलते रहो ,क्योंकि जीवन का दूसरा अर्थ ही चले जाना है | ‘भौतिक जगत की यात्रा जन्म से प्रारंभ होती है एवं मृत्यु पर जाकर समाप्त होती है | मनुष्य की स्वांस एवं धड़कन भी जन्म से मृत्यु तक अनवरत रूप से चलती रहती है |दोनों…
शारदा पक्ष में सरस्वती की महिमा आर्यिका चंदनामति माता जी जयदु सुद देवदा (वाग्देवी-श्रुतदेवी-जैन सरस्वती) यह प्राणी संसार सागर में परिभ्रमण करता हुआ अनेक कष्ट झेल रहा है, कुछ प्राणी हैं जो इस संसार-सागर से पार होकर स्थायी सुख की खोज में हैं। धर्मों और दर्शनों का उदय यहीं से माना जाना चाहिए। आज…
Bhodesar (Pakistan) Thar desert has a splendid collection of ancient temples, testimony to the presence of colourful Hindu and Jain kingdoms in the past. Among these ancient sites the heritage of Bhodesar must be mentioned. Bhodesar is situated north-west of Nagarparkar beneath the Karoonjhar Hills, and is popular due to its small mosque, built by…