07. भगवान श्री सुमतिनाथ जिनपूजा
भगवान श्री सुमतिनाथ जिनपूजा -अथस्थापना-गीता छंद- श्रीसुमति तीर्थंकर जगत में, शुद्धमति दाता कहे। निज आतमा को शुद्ध करके, लोक मस्तक पर रहें।। मुनि चार ज्ञानी भी सतत, वंदन करें संस्तवन करें। हम भक्ति से थापें यहाँ, प्रभु पद कमल अर्चन करें।।१।। ॐ ह्रीं श्रीसुमतिनाथजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …