08. आर्हन्त्यपरमस्थान प्रदायक श्री शांतिनाथ पूजा
आर्हन्त्यपरमस्थान प्रदायक श्री शांतिनाथ पूजा अथ स्थापना-गीता छंद हे शांतिजिन! तुम शांति के, दाता जगत विख्यात हो। इस हेतु मुनिगण आपके, पद में नमाते माथ को।। आर्हन्त्य परमस्थान स्वामी, आपको जो पूजते। आर्हन्त्य लक्ष्मी प्राप्तकर वे, भव दु:खों से छूटते।।१।। ॐ ह्रीं अर्हं आर्हन्त्यपरमस्थानप्रदायक! श्रीशांतिनाथतीर्थंकर! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं अर्हं आर्हन्त्यपरमस्थानप्रदायक! श्रीशांतिनाथतीर्थंकर!…