13. गंधकुटी पूजा
(पूजा नं.13) गंधकुटी पूजा -अथ स्थापना- -अडिल्ल छंद- समवसरण जिन खिले कमलवत् शोभता। गंधकुटी है उसमें मानों कर्णिका।। चामर किंकणी वंदन माला हार से। शोभे अतिशय गंधकुटी पूजूं उसे।।२।। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितगंधकुटीसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …