06. भगवान श्री अभिनंदन जिनपूजा
भगवान श्री अभिनंदन जिनपूजा -अथस्थापना-नरेन्द्र छंद- श्री अभिनंदन जिन तीर्थंकर, त्रिभुवन आनंदकारी। तिष्ठ रहें त्रैलोक्य शिखर पर, रत्नत्रय निधिधारी।। परमानंद सुधारस स्वादी, मुनिवर तुम को ध्याते। आह्वानन कर तुम्हें बुलाऊँ, पूजूँ मन हर्षाके।। ॐ ह्रीं श्रीअभिनंदनजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीअभिनंदनजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ:…