कल्याणक कल्पतरु स्तोत्र (चौबीस तीर्थंकर स्तोत्र)
कल्याणक कल्पतरु स्तोत्र (चौबीस तीर्थंकर स्तोत्र) (हिन्दी-काव्य) (१) श्री ऋषभदेव स्तुति -शंभु छंद- हे आदिनाथ! हे आदीश्वर! हे ऋषभ जिनेश्वर! नाभिललन! पुरुदेव! युगादि पुरुष ! ब्रह्मा, विधि और विधाता मुक्तिकरण।। मैं अगणित बार नमूँ तुमको, वन्दूँ ध्याउँâ गुणगान करूँ। स्वात्मैक परम आनन्दमयी, सुज्ञान सुधा का पान करूँ।।१।। आषाढ़ वदी दुतिया तिथि थी, मरुदेवी गर्भ पधारे…