पुष्करवृक्ष एवं शाल्मली वृक्षों पर जिनमंदिर
पुष्करवृक्ष एवं शाल्मली वृक्षों पर जिनमंदिर (जम्बूद्वीपपण्णत्ति ग्रंथ से) दोण्हं गिरिरायाजणं दोण्हं इसुगारणामसेलाणं। सामलितरूण दोण्हं दोण्हं वरपउमरुक्खाणं१।।७५।। (तत्त्वार्थवार्तिक ग्रंथ से) सूत्र-पुष्करार्धे च ।।३४। यत्र जम्बूवृक्षस्तत्र पुष्करं सपरिवारं वेदितव्यम्। तन्निवासी द्वीपाधिपतिः, तत एव तस्य द्वीपस्य नाम रूढं पुष्करद्वीप इति। पुष्करार्धद्वीप में पुष्करवृक्ष एवं शाल्मली वृक्षों पर जिनमंदिर पुष्करवरद्वीप सम्बन्धी दो मेरु, दो इष्वाकार नामक शैल, दो…