कृतिकर्म प्रयोग विधि/ कायोत्सर्ग विधि
कृतिकर्म प्रयोग विधि/ कायोत्सर्ग विधि अथ…..१ क्रियायां पूर्वाचार्यानुक्रमेण सकलकर्मक्षयार्थं भावपूजा-वंदनास्तवसमेतं………भक्ति२ कायोत्सर्गं करोम्यहम् । (इस प्रतिज्ञा वाक्य को बोलकर साष्टांग या पंचांग नमस्कार करके खड़े होकर मुकुलित हाथ जोड़कर तीन आवर्त एक शिरोनति करके मुक्ताशुक्ति मुद्रा से हाथ जोड़कर सामायिक दण्डक पढ़ें।) सामायिक दण्डक णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं।।…