(ज्ञान की उत्पत्ति और भेद)
(ज्ञान की उत्पत्ति और भेद) पुन: उसके अनन्तर वही दर्शन अवग्रह हो जाता है। वह वैâसा है ? अर्थाकार के विकल्पात्मक ज्ञानरूप है अर्थात् अर्थ-विषय के आकार-वर्ण आदि विशेष का निश्चय कराने वाला ज्ञान अवग्रह कहलाता है। अर्थ यह हुआ कि दर्शन ही ज्ञानावरण और वीर्यांतराय कर्म के क्षयोपशम विशेष से सहित हुआ पदार्थ विशेष…