पश्चिम धातकीखण्ड द्वीप भरत क्षेत्र की त्रैकालिक तीर्थंकर स्तुति
पश्चिम धातकीखण्ड द्वीप भरत क्षेत्र की त्रैकालिक तीर्थंकर स्तुति वृषभो प्रियमित्रश्च, शांतीश: सुमतिर्जिन:। आदिनाथोऽतिव्यक्तश्च, कलासेनश्च कर्मजित्।।१।। प्रबुद्धश्च प्रव्रजित:, सुधर्माख्यो जिनेश्वर:। तमोदीपो व्रजो बुद्ध:, प्रबंधोऽतीतनामभृत्।।२।। प्रमुखश्च पल्योपमोऽ-प्यकोपो निष्ठितो जिन:। मृगनाभिश्च देवेन्द्र:, पदस्थ: शिवनायक:।।३।। विश्वचन्द्र, कपिलश्च, वृषभप्रियतेजसौ। प्रशमो विषमांगश्च, चारित्रोऽथ प्रभारवि:।।४।। मुंजकेशो वीतवासा:, सुराधीशो दयेश्वर:। सहस्रदोर्जिनिंसहो, रैवतनाथबाहुकौ।।५।। श्रीमाल्ययोगनामा चा-योगीशमदनार्यपि। आरंभो नेमिनाथश्च, गर्भज्ञातिश्चैकार्जित:।।६।। रक्तकेशश्चक्रहस्त:, कृतेश: परमेश्वर:। सुभूतिर्मुक्तिकांतश्च, निकेशिश्च…